अगर दो महादेशों के बीच डीप-सी केबल (दो देशों के बीच सागर से होते हुए तारों की मदद से इंटरनेट कनेक्शन) को काट दिया जाए तो इंटरनेट ट्रैफिक पर बुरा असर पड़ता है. लेकिन पूरी दुनिया से इंटरनेट (Internet) बंद कर देने पर क्या होगा? सोचा है कभी?
इन्टरनेट (Internet) बंद होने का व्यावसायिक असर
1. कर्मचारी हाथ पर हाथ रख कर बैठने की बजाए वो काम करते हैं जो वे आमतौर पर नहीं करते थे. उन्होंने पेपरवर्क पर ध्यान दिया. इसका कारोबार पर अच्छा असर हुआ.
2. हवाई सफर पर असर इंटरनेट के एक दिन ना होने से सफ़र पर ज्यादा असर होने की संभावना नहीं है. हवाई जहाज, ट्रेन, बस इंटरनेट के बिना भी यात्रियों को उनके सफ़र और मंजिल तक ले जाते रहेंगे. लेकिन जब इंटरनेट कनेक्शन एक दिन से ज़्यादा समय के लिए कट जाए तो इसका यात्रा से जुड़े कारोबार पर अच्छा असर नहीं होगा.
3. छोटे कारोबारियों और शारीरिक श्रम करने वालों पर इंटरनेट कनेक्शन बंद पड़ने का बुरा असर पड़ेगा. 1998 में अमरीका में पांच करोड़ पेजर्स का 90 फीसदी काम ठप पड़ गया क्योंकि सैटेलाइट ने काम करना बंद कर दिया था.
4. बड़े पेशेवर और प्रबंधन से जुड़े लोगों पर इसका कोई ख़ास असर नहीं होगा. बल्कि कुछ समय के लिए इंटरनेट न हो तो ये उनके लिए राहत की तरह है.
मनोवैज्ञानिक असर
1. सोशल लाइफ प्रभावित होती है और दोस्तों और परिवार को चिंता होती है कि कहीं उनके साथ कुछ अशुभ तो नहीं घटा.
2. बच्चों को डे-केयर में छोड़ने वाली अकेली मांओं को भी परेशानी महसूस होगी.
3. इंटरनेट अगर बंद हो जाए तो लोगों में बेचैनी बढ़ेगी और वे सामाजिक रूप से अलग-थलग पड़ जाएंगे.
4. आमतौर पर लोगों का मानना है कि इंटरनेट नहीं होता तो लोग अधिक सोशल होते, दोस्तों और रिश्तेदारों से ज़्यादा मिलते.
5. इंटरनेट कनेक्शन कटने से कुछ खास परिस्थितियों में लोगों के बीच मेल-जोल बढ़ेगा. जैसे कि दफ्तर में सहकर्मी एक-दूसरे को ईमेल भेजने की जगह बातचीत करेंगे. लेकिन कुल मिलाकर इसका बुरा असर होगा.
6. कोपेनहेगन विश्वविद्यालय की स्टीन लोमबॉर्ग कहती हैं कि अधिकांश लोगों के लिए इसके बिना एक दिन भी जीने की कल्पना नहीं की जा सकती.