हमारे संस्कृति में कई तरह की वैज्ञानिक बातें सन्निहित हैं. यदि हम इसे समझने की कोशिश करें तो ये बहुत इंट्रेस्टिंग भी है. प्राचीन काल में शरीर के उपा-पचय की इतनी अच्छी समझ आपको चौंका देगी. क्या आप व्रतों Scientific Logic of Fast in Chhath में अपनाए जा रहे फलाहार का महत्व जानते हैं.
Scientific Logic of Fast in Chhath
व्रतों से हम अपने शरीर में शारीरिक और मानसिक स्तर पर प्राकृतिक ऊर्जा का संग्रह करते हैं. ये बिल्कुल वैसा ही है जैसा कि हम प्रत्येक दिन काम करने की ऊर्जा अन्न के रसायनों से प्राप्त करते हैं. अन्न को सुपाच्य बनाकर उससे जरुरी रसायन निकालने की प्रक्रिया को मेटाबॉलिज्म कहते हैं. मेटाबॉलिज्म को भी संचालित होने के लिए ऊर्जा की जरुरत पड़ती है और इसे विश्राम भी देना पड़ता है. तो व्रत के समय जब हम जो भी ग्रहणकरते हैं जैस दूध, दही, फलाहार या जल उससे हमारा आतंरिक तंत्र मजबूत होता है. इसके अलावा व्रतों में बताई गई अन्य बातों से भी ये प्रभावित होता है.
ऐसे करें उपवास
व्रत का रास्ता शुरुवात में थोड़ा कठिन जरुर लग सकता है लेकिन ये है आपको मजबूती देने वाला. व्रत के समय हमारी कोशिश रहती है कि मन को साफ़ रखें. मन ही क्यों अपने आस-पास भी समुचित सफाई करें. इसके अतिरिक्त अन्य दोष जैसे व्यसन आदि से दूर रहें. मन शांत रखने से मानसिक विकार भी दूर होंगे. हमारे जीवन शैली में आया ये बदलाव नयापन लाता है. मतलब इस पुरे प्रक्रिया में हमारा आतंरिक तंत्र काफी मजबूत होता है. इसके बाद हमें एक ताजगी मिलती है और हम अपने काम में नए विचारों का समावेश कर पाते हैं. इसलिए हम सबको इन चीजों का महत्व समझते हुए इनका पालन करना चाहिए. आप चाहें तो बिना किसी त्यौहार के भी व्रत रह सकते हैं. इससे आपको लाभ ही मिलेगा वर्ना जीवन तो अपनी गति गतिशिल है ही.