कहते हैं न कि समय के साथ हर चीज बदलती रहती है. ये बात योग (Yoga) पर भी उतना ही लागू होता है. जैसे-जैसे हमारा समाज बदल रहा है, चीजों को हम अपने हिसाब से कस्टमाइज करते जा रहे हैं. इस तरह के कई परिवर्तन हम आपको योग में हुए हैं जो कि हम आपको बताने जा रहे हैं.
ऐक्रो Yoga
एक तरह से ये सबसे कठिन योग है. सोलर ऐक्रोबेटिक प्रैक्टिस, लूनर हीलिंग आर्ट प्रैक्टिस और योगिक प्रैक्टिस को मिलाकर ऐक्रो योग बनता है. इसमें तीन लोग मिलकर अपनी अलग-अलग भूमिकाओं से इसे करते हैं. इस प्रक्रिया में ट्रस्ट, सांस लेना और छोड़ना और स्ट्रेचिंग की क्रिया लगातार चलती रहती है.
एरियल योग
इसे भी ऐक्रो योग की तरह ही कठिन माना जाता है. क्योंकि इसमें आप एरियल हैमॉक पर हवा में झुलते हुए योग के कठिन आसनों को अंजाम देते हैं. इसमें पुरे शारीर की स्ट्रेचिंग होती है और ऐसा लगता है जैस कि हवा में तैर रहे हों. इससे रक्त संचार दुरुस्त रहता है.
रिस्टोरेटिव योग
जाहिर है मनुष्य स्वभावतः शांत ही होता है लेकिन कई कारणों की वजह से वह अपना ये मौलिक गुण खो बैठता है. इस योग के द्वारा इसी खोये हुए सुकून को दुबारा प्राप्त करने की कोशिश करते हैं. इसमें आँखें बंद करके ध्यान लगाते हैं जिससे आत्मा को सुकून मिलता है.
डांस योग
जैसा कि नाम से ही लग रहा है कि डांस मूवमेंट्स को जब योग के साथ मिला देते हैं तो ये बनता है. इससे कई बीमारियों जैसे जोड़ों के दर्द, माइग्रेन, कुछ हद तक डायबिटीज आदि बीमारियों से निजात पा सकते हैं.
अंडर वाटर योग
ये भी नाम से ही पता चल जाता है कि इसे पानी के नीचे किया जाता है. जैसा कि आमतौर पर पानी के नीच जाने पर होता है हम खुद को बेहद हल्का महसूस करते हैं. इसमें हम अपने सांस और धड़कन तक की आवाज सुन पाते हैं.
बियर योग
जर्मनी तकनीक के मामले में बहुत आगे है शायद इसी लिए वहां बर्लिन शहर के लोगों ने योग में भी नई तकनीक बियर योग को इजाद किया. उनका मानना है कि इससे बॉडी रिलैक्स रहती है.