‘ना बीवी ना बच्चा, ना बाप बड़ा ना भैया. द होल थिंग इस दैट कि भैया सबसे बड़ा रुपैया.’ ब्लफमास्टर फ़िल्म का ये प्रसिद्ध गाना Money Minded होने की हकीक़त बयां करता है. सभी पैसे के पीछे भाग रहे हैं यानी सभी मनी माइंडेड होते जा रहे हैं. और हों भी क्यों ना, सभी चीजों के लिए पैसा ही तो लगता है. लेकिन जो मुख्य सवाल सबके सम्मुख खड़ा है, वो ये है कि ये कितना सही है? इसका जवाब जानने के लिए हमें सर्वप्रथम ‘मनी माइंडेड’ को परिभाषित करना पड़ेगा. आखिर सही मायने में मनी माइंडेड होना क्या होता है? लेकिन उसके पहले उन दलीलों पर भी एक नज़र डालते हैं जिनके चलते ये सवाल उठा है.

Money Minded होना लालच का पर्याय
एक दलील जो दी जाती है वो ये है कि बचपन से हमें जो कहानियाँ सुनाई जाती हैं उनमें हमें बताया जाता है कि लालच करना गलत बात है और हमारे पास जो है उसमें संतुष्ट रहना चाहिए. ये सही भी है. लेकिन मनुष्य किसी भी सीख का मतलब अपने हिसाब से निकालने में माहिर है. उसने ये समझ लिया कि जिस हालत में अभी हो, उसी में संतुष्ट होकर जीते रहो, जो की बिल्कुल भी सही नहीं है. भारतीय संस्कृति की कोई भी सीख हमें आगे बढ़ने और अपना कर्म करने से नहीं रोकती. कर्म करते जाओ, फल की चिंता मत करो. जैसा कर्म करोगे वैसा फल मिलेगा. लेकिन बेहतर फल के लिए बेहतर कर्म करने पड़ेंगे.

दूसरी ये दलील कि पैसा बुरा होता है. पैसों से सभी प्रकार के पाप जुड़े हुए हैं. जिनके पास ज्यादा पैसे होते हैं उनकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है. ये दलील वही देते हैं जिन्होंने कभी पैसों का मुंह सही से नहीं देखा होता. पैसों से अगर बुराई जुड़ी है तो अच्छाई भी जुड़ी है. समाज का जितना भला आप गरीब रहकर कर सकते हैं उससे कहीं ज्यादा अमीर होकर कर सकते हैं.
निष्कर्ष
अब आते हैं ‘मनी माइंडेड’ की परिभाषा में. मनी माइंडेड होने का सही अर्थ होता है पैसों की कद्र करने वाला. जिसे पैसों से प्यार है. अब ये तो ब्रम्हांड का नियम है कि अगर आप किसी की कद्र करोगे तो वह आपकी कद्र करेगा. पैसे भी इस नियम का पालन करते हैं. जिसे पैसों से प्यार होता है वह उसे फिजूल खर्च नहीं करता और उसे सही जगह पर उपयोग करना जानता है. उसे समाज के हित की भी उतनी ही परवाह होती है. वह जानता है कि पैसों से दुनिया के 99 प्रतिशत दिक्कतों का हल पाया जा सकता है और इसके लिए वह समर्पित होता है. बाकी के 1 प्रतिशत परेशानियों को हल करने की क्षमता उसमें खुद-ब-खुद आ जाती है. अब आप ही बताइए कि मनी माइंडेड होना सही है कि नहीं?