ट्विटर ने बुधवार को कैपिटल बिल्डिंग पर ट्रंप के हिंसक समर्थकों के हमले के 48 घंटे बाद Donald Trump के ट्विटर अकाउंट को हमेशा के लिए निलंबित करने का फ़ैसला लिया है. इससे पता चलता है कि सोशल मीडिया की इस जाइंट कंपनी के लिए भी यह कोई आसान फ़ैसला नहीं था. ट्विटर का कहना है कि ऐसा हिंसा को बढ़ावा देने की आशंका को देखते हुए किया गया है.

क्या कहा है ट्विटर ने?
ट्विटर ने अपने बयान में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के हाल के ट्वीट्स की गहनता से समीक्षा की गई. ट्विटर के मुताबिक़ @realDonaldTrump के ट्वीट के संदर्भों को भी देखा गया और उसके बाद इस अकाउंट को हमेशा के लिए निलंबित करने का फ़ैसला लिया गया. इससे पहले ट्रंप के अकाउंट को ट्विटर ने 12 घंटों के लिए लॉक किया था. तब ट्विटर ने कहा था कि अगर इस प्लेटफ़ॉर्म के नियमों को तोड़ा गया तो ट्रंप को हमेशा के लिए बैन कर दिया जाएगा.
ट्विटर ने यह फ़ैसला क्यों लिया?
डोनाल्ड ट्रंप ट्विटर का बख़ूबी इस्तेमाल करते थे. वो अपने संदेश को आसानी से ट्वीट कर लोगों तक पहुँचाते थे. ट्रंप इस संक्षेप माध्यम को काफ़ी पसंद करते थे. उन्हें ये पसंद था कि बिना किसी मीडिया के एक क्लिक में करोड़ों लोगों तक ट्विटर में संदेश पहुँचाने की क्षमता है.
ट्विटर पर ट्रंप के होने से इस प्लेटफॉर्म को बेशुमार फ़ायदा था. ट्विटर दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति से ताज़ातरीन चीज़ें सुनने का प्लेटफॉर्म रहा है. लेकिन ट्विटर को कई वजहों से यह फ़ैसला करना पड़ा. कहा जा रहा है कि ट्रंप भविष्य में हिंसा को हवा दे सकते हैं. लेकिन एक कारण यह भी है कि वो सत्ता से बेदख़ल हो रहे हैं. अब वो अमेरिका के किसी आम आदमी की तरह होंगे.
क्या किया था Donald Trump ने?
बुधवार को ट्रंप ने ऐसे कई ट्वीट किए थे जिसमें अपने हिंसक समर्थकों को ‘देशभक्त’ कहा था. बुधवार को ट्रंप के सैकड़ों हिंसक समर्थक अमेरिकी कांग्रेस के कैपिटल बिल्डिंग में घुस गए थे. तब अमेरिकी कांग्रेस में नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की जीत की औपचारिक पुष्टि की प्रक्रिया चल रही थी. ट्रंप समर्थकों के अमेरिकी कांग्रेस पर हमला बोलने से पहले राष्ट्रपति ने इन्हें संबोधित करते हुए कहा था, ”हमलोग हार नहीं मानेंगे. हम इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे.”
गुरुवार को फ़ेसबुक ने ट्रंप के अकाउंट को अनिश्चित काल के लिए निलंबित करने की घोषणा की थी. इसके अलावा लोकप्रिय गेमिंग प्लेटफॉर्म ट्विच ने भी ट्रंप के चैनल पर अनिश्चित कालीन बैन लगाने की घोषणा की थी. इसके ज़रिए ट्रंप अपनी रैलियों का प्रसारण करते थे. अभी ट्रंप स्नैपचैट पर हैं.
ई-कॉमर्स कंपनी शोपिफाई ने भी ट्रंप के सभी कैंपेन को अपने स्टोर से हटा दिया था. शोपिफ़ाई ऑनलाइन स्टोर प्लेटफॉर्म है. कनाडा की इस कंपनी ने कहा था कि हिंसा को प्रोत्साहित करने वाले मटीरियल थे, इसलिए यह फ़ैसला लिया गया. इसके अलावा शुक्रवार को रेडिट ने भी ट्रंप समर्थकों के डोनाल्ड ट्रंप फोरम को भी बैन कर दिया था.
ट्विटर ने यह फ़ैसला क्यों लिया?
डोनाल्ड ट्रंप ट्विटर का बख़ूबी इस्तेमाल करते थे. वो अपने संदेश को आसानी से ट्वीट कर लोगों तक पहुँचाते थे. ट्रंप इस संक्षेप माध्यम को काफ़ी पसंद करते थे. उन्हें ये पसंद था कि बिना किसी मीडिया के एक क्लिक में करोड़ों लोगों तक ट्विटर में संदेश पहुँचाने की क्षमता है.
ट्विटर पर ट्रंप के होने से इस प्लेटफॉर्म को बेशुमार फ़ायदा था. ट्विटर दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति से ताज़ातरीन चीज़ें सुनने का प्लेटफॉर्म रहा है. लेकिन ट्विटर को कई वजहों से यह फ़ैसला करना पड़ा. कहा जा रहा है कि ट्रंप भविष्य में हिंसा को हवा दे सकते हैं. लेकिन एक कारण यह भी है कि वो सत्ता से बेदख़ल हो रहे हैं. अब वो अमेरिका के किसी आम आदमी की तरह होंगे.